चालीस वर्षीय अर्पण मैती, जो एक चिकित्सक हैं और आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के पूर्व छात्र हैं, राज्य स्वास्थ्य विभाग मुख्यालय के पास एक अस्थायी काउंटर पर खाद्य सामग्री, कपड़े, रेनकोट, छाते और अन्य सामग्री एकत्र करने में व्यस्त थे, जहां पिछले पांच दिनों से हजारों चिकित्सक धरना दे रहे हैं।
मैती ने आंदोलन स्थल पर पीटीआई-भाषा को बताया कि खाट, चादरें और रेनकोट से लेकर बड़े छाते और भोजन के पैकेट तक, आंदोलनकारियों के पास आम लोगों की ओर से उपलब्ध कराई गई वस्तुओं की बाढ़ आ गई है।
उन्होंने कहा, “शनिवार दोपहर 2 बजे तक 3,000 भोजन के पैकेट मुफ्त में लोगों को दिए गए, न केवल प्रदर्शनकारियों को, बल्कि स्थानीय फेरीवालों, रिक्शा-चालकों, ऑटोरिक्शा चालकों, पत्रकारों और अन्य लोगों को भी, जो आंदोलन के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए साइट पर आए हैं।”
एक अन्य स्वयंसेवक प्राजक्ता सिकदर, जो अपना समय नारे लगाने और विरोध स्थल पर चार काउंटरों में से एक पर काम करने के बीच बांट रही हैं, ने कहा कि शनिवार दोपहर 1.30 बजे तक उन्होंने लोगों के बीच लगभग 600 शाकाहारी भोजन के पैकेट वितरित किए थे।
उन्हें एक व्यक्ति से यह कहते हुए सुना गया, “कृपया संकोच न करें… मुझे बताएं कि आपको क्या चाहिए, हमने आपके लिए ये सभी पैकेट तैयार कर रखे हैं। यदि आप केक या अन्य जलपान चाहते हैं, तो वह भी उपलब्ध है।”
एक टैक्सी चालक को वाहन की डिग्गी से भोजन के सैकड़ों पैकेट उतारते हुए देखा गया, जबकि एक अन्य वाहन में तीन लोग फोल्डिंग खाटें लाते हुए देखे गए।
टैक्सी चालक ने संवाददाता को भोजन का पैकेट देते हुए कहा, “एक शुभचिंतक, जो सोदेपुर में एक अंग्रेजी माध्यम स्कूल की शिक्षिका है, ने ये 400 भोजन के पैकेट भेजे हैं, लेकिन वह अपना नाम नहीं बता सकती।”
घटनास्थल पर मरीजों के इलाज के लिए स्थापित ‘अभया’ क्लिनिक के जूनियर डॉक्टर दिव्येंदु बनर्जी ने बताया कि अब तक पुलिसकर्मियों सहित 350 लोगों का इलाज किया जा चुका है।
उन्होंने कहा, “लोग जांच और उपचार के लिए आ रहे हैं और पांच चिकित्सकों की हमारी टीम सभी का इलाज कर रही है तथा जरूरत पड़ने पर मुफ्त दवा भी दे रही है।”
विरोध प्रदर्शन में भाग लेने वाले लोगों से लेकर हॉकरों के परिवारों और अन्य स्थानीय लोगों तक – आरजी कर अस्पताल की बलात्कार-हत्या पीड़िता की याद में नामित क्लिनिक – भोर से ही मरीजों से भरा हुआ है।
बनर्जी ने कहा, “हमने तीन दिन पहले क्लिनिक खोला था। हर दिन 500 से अधिक लोग क्लिनिक आ रहे हैं।”
जूनियर डॉक्टर्स फोरम इस आंदोलन का नेतृत्व कर रहा है और चिकित्सक के लिए न्याय तथा घटना के लिए कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल और स्वास्थ्य सचिव के इस्तीफे की मांग कर रहा है।
(इस रिपोर्ट के केवल शीर्षक और चित्र पर बिजनेस स्टैंडर्ड स्टाफ द्वारा फिर से काम किया गया हो सकता है; शेष सामग्री एक सिंडिकेटेड फ़ीड से स्वतः जेनरेट की गई है।)
पहले प्रकाशित: 14 सितंबर 2024 | 5:40 अपराह्न प्रथम