Faridabad Railway Underpass News-हरियाणा के फरीदाबाद में एक निजी बैंक के दो कर्मचारियों की बाढ़ में डूबकर दुखद मौत हो गई। यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना क्षेत्र में भारी बारिश के बीच हुई, जिससे शहर के कई हिस्से जलमग्न हो गए। भारी बारिश के कारण अंडरपास में पानी भर गया, जो काम पर जा रहे दो लोगों के लिए मौत का जाल बन गया।
खतरनाक मानसून की स्थिति
शहर में मूसलाधार बारिश के कारण फरीदाबाद के कई इलाकों में भीषण बाढ़ आ गई। मानसून के दौरान पहले से ही जलभराव की समस्या से ग्रस्त यह अंडरपास (Railway Underpass) पूरी तरह से जलमग्न हो गया, जिससे यात्रियों के लिए काफी खतरा पैदा हो गया। पीड़ित, जो पास के एक निजी बैंक में काम करते थे, जलभराव वाले रास्ते से निकलने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन वे खुद को बढ़ते बाढ़ के पानी में फंसते हुए पा गए।
स्थानीय प्रशासन की शहर की खराब जल निकासी व्यवस्था को ठीक न करने के लिए आलोचना की गई है, जिसके कारण अक्सर बारिश के मौसम में ऐसी त्रासदियाँ होती हैं। निवासियों की बार-बार शिकायतों और अधिकारियों की चेतावनियों के बावजूद, शहर में हर साल होने वाली भारी बारिश से निपटने के लिए बुनियादी ढाँचा अपर्याप्त बना हुआ है।
प्रत्यक्षदर्शियों ने अपनी बात रखी
घटनास्थल पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पीड़ितों ने अंडरपास (Railway Underpass) पार करने की कोशिश की, लेकिन वे जल्द ही बाढ़ के पानी के तेज बहाव में डूब गए। स्थानीय अधिकारियों और आपातकालीन सेवाओं को स्थिति के बारे में सूचित किया गया, लेकिन वे समय पर लोगों तक नहीं पहुंच सके और उनकी जान नहीं बचा पाए।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, “पानी का स्तर बहुत तेज़ी से बढ़ा।” “वे संघर्ष कर रहे थे, लेकिन पानी का बल बहुत ज़्यादा था। यह देखना दिल दहला देने वाला था।”
फरीदाबाद की आपदा प्रतिक्रिया टीमें घटनास्थल पर पहुंचीं, लेकिन दोनों कर्मचारी पहले ही डूब चुके थे। बाद में उनके शव पानी से भरे अंडरपास से बरामद किए गए।
जवाबदेही की मांग
इस दुखद घटना ने लोगों में आक्रोश पैदा कर दिया है, जिसमें कई नागरिक स्थानीय सरकार और नागरिक अधिकारियों दोनों से जवाबदेही की मांग कर रहे हैं। निवासियों का तर्क है कि बाढ़ के लिए कुख्यात अंडरपास (Railway Underpass) को भारी बारिश के दौरान बंद कर दिया जाना चाहिए था। सक्रिय उपाय न किए जाने के कारण अब दो लोगों की जान चली गई है।
शहर प्रशासन ने मौतों के इर्द-गिर्द की परिस्थितियों की जांच की घोषणा की है और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जल निकासी व्यवस्था में सुधार करने का वादा किया है। हालांकि, नागरिक वर्षों से अधूरे वादों का हवाला देते हुए संशय में हैं।
एक व्यापक मुद्दा
मानसून के मौसम में बाढ़ आना न केवल फरीदाबाद में बल्कि भारत के कई शहरी इलाकों में एक आवर्ती मुद्दा है। जैसे-जैसे जलवायु परिवर्तन तेज होता है, भारी बारिश की आवृत्ति बढ़ जाती है, जिससे पुराने शहरी बुनियादी ढांचे पर अधिक दबाव पड़ता है। प्रभावी बाढ़ प्रबंधन उपायों की कमी को अक्सर इन दुखद घटनाओं के लिए एक प्रमुख योगदान कारक के रूप में उद्धृत किया जाता है।
आक्रोश के जवाब में, फरीदाबाद के अधिकारियों ने कई निचली सड़कों और अंडरपास (Railway Underpass) को अस्थायी रूप से बंद करने का आदेश दिया है, लेकिन कई लोगों के लिए ये कदम बहुत देर से आए हैं।
मृतकों के परिवार अपने नुकसान का शोक मना रहे हैं, जबकि शहर को अपने चल रहे बुनियादी ढांचे की विफलताओं से जूझना पड़ रहा है। यह त्रासदी मानसून के मौसम में खराब शहरी नियोजन से उत्पन्न खतरों की एक और याद दिलाती है।
संपादकीय– फ़रीदाबाद में हुई ये घाटना बहुत दुर्भागयपूर्ण है, हर साल कहीं न कहीं रेलवे अंडरपास (Railway Underpass) में भरा हुआ पानी लोगों की मौत का ज़िम्मेदार बनता है। गांव देहात में तो ये स्थिति और भी भयानक रूप ले लेती है क्योंकि गांववो से गुजरने वाले रेलवे ट्रैक पर भी अंडरपास बन गए हैं और पानी का जमाव हो जाता है। पूर्व में भी एक स्कूल बस रेलवे अंडरपास में डूबने से कई बच्चों की मौत हो गई थी।
अब अरोपों का सिलसिला एक दूसरे पर फोडकर इस मामले की इतिश्री हो जाएगी, वास्तव में रेलवे अंडरपास (Railway Underpass) एक फेल प्रोजेक्ट प्रतीत होता है, इसकी जगह फ्लाईओवर ज्यादा सुरक्षित है।
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