1999 में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC 814 को हाईजैक कर लिया गया था।

1999 में इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC 814 को हाईजैक कर लिया गया था।

इस घटना में पांच आतंकियों ने विमान को अपने कब्जे में ले लिया।

इस घटना में पांच आतंकियों ने विमान को अपने कब्जे में ले लिया।

आतंकियों की मांग थी कि मौलाना मसूद अज़हर समेत तीन आतंकियों को रिहा किया जाए।

आतंकियों की मांग थी कि मौलाना मसूद अज़हर समेत तीन आतंकियों को रिहा किया जाए।

विमान को अफगानिस्तान के कंधार में उतारा गया, जहां उस समय तालिबान का शासन था।

विमान को अफगानिस्तान के कंधार में उतारा गया, जहां उस समय तालिबान का शासन था।

तालिबान की उपस्थिति ने भारत की बातचीत की स्थिति को और जटिल बना दिया।

तालिबान की उपस्थिति ने भारत की बातचीत की स्थिति को और जटिल बना दिया।

भारत सरकार ने यात्रियों की सुरक्षा और आतंकियों की मांग के बीच संतुलन बनाने की कोशिश की।

अंत में, तीन आतंकियों की रिहाई के बदले यात्रियों को छोड़ने का फैसला लिया गया।

मसूद अज़हर की रिहाई के बाद जैश-ए-मोहम्मद संगठन की स्थापना हुई।

इस घटना के बाद भारत में सुरक्षा उपायों को और कड़ा किया गया।

इस घटना ने भारत की आतंकवाद-रोधी नीतियों की आवश्यकता पर जोर दिया।

नेटफ्लिक्स की डॉक्यूसीरी "IC 814: द कंधार हाईजैक" ने इस घटना को फिर से चर्चा में ला दिया है।

इस डॉक्यूसीरी के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है।

याचिका में वास्तविक घटनाओं को नाटकीय रूप में पेश करने की नैतिकता पर सवाल उठाया गया है।

यह घटना आज भी विमानन सुरक्षा और आतंकवाद विरोधी प्रयासों की महत्वपूर्ण याद दिलाती है।